सबसे अज़ीज सबसे प्यारी रखूंगा-2
अपने आशियानें की तुझको मैं राजकुमारी रखूंगा।
आसमां से उसकी ऊंचाई ले आऊंगा तेरे लिए,
हालात कुछ भी सही, झोली में तेरी खुशियां मैं, ढेर सारी रखूंगा,
अपने आशियानें की तुझको मैं राजकुमारी रखूंगा।
चाहकर भी दूर जा न पाएगी मुझसे,
बेटिया, तेरे मेरे बीच ऐसी यारी रखूंगा,
अपने आशियानें की तुझको मैं राजकुमारी रखूंगा।
हो पतझड़ या बहार सदा तेरे साथ रहूंगा,
है बाग का मेरे फूल तू, मैं खुद को माली रखूंगा,
अपने आशियानें की तुझको मैं राजकुमारी रखूंगा।
और मेरा नसीब एक दिन ठुकराएगा मुझको,
न चाहते हुए भी इस दुनिया से ले जाएगा मुझको,
मैं तब भी नहीं भूलंगा तुझको ए- गुडिया मेरी,
अपने दिल में सदा तेरी निशानी रखूंगा,
सबसे अज़ीज सबसे प्यारी रखूंगा-2
अपने आशियानें की तुझको
मैं राजकुमारी रखूंगा। है बाग का मेरे फूल तू, मैं खुद को माली रखूंगा,
अपने आशियानें की तुझको मैं राजकुमारी रखूंगा।
न चाहते हुए भी इस दुनिया से ले जाएगा मुझको,
मैं तब भी नहीं भूलंगा तुझको ए- गुडिया मेरी,
अपने दिल में सदा तेरी निशानी रखूंगा,
***बेटी शायरी***
2 टिप्पणियाँ
Mai bhi aapki bitiya ki tarah apni bitiya ko aashiyaane ki rajkumari rakhunga.....
जवाब देंहटाएंAapka Pyar apni bitiya ke liye in shabdo mai jaahir hota...
धन्यवाद जी।
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