Follow us on Facebook

मेरे पाठकों के लिए मेरा संदेश, दोस्तों इस ब्लॉग की सभी कविता, शायरी मेरी खुद की रचना है और यदि आप मेरे ब्लॉग "बेटी शायरी "पर लिखी गई कविता या शायरी किसी और ब्लॉग पर पढ़ते हैं तो वह मात्र एक कॉपी पेस्ट ही होगा । मैं सभी ब्लॉगर से आग्रह करता हूँ कि यदि वह कॉपी पेस्ट करते हैं तो साथ में मूल रचनाकार का नाम लिखें मेरा नाम लिखें और यदि नहीं लिख सकते तो कृपया करके कॉपी पेस्ट ना करें। This Blog is Written by Dharmender Kumar धन्यवाद !

बेटी है तो घर, घर लगता है।


***Beti Shayri***

खूबसूरत ज़िन्दगी का सफर लगता है
बेटी है तो घर, घर लगता है।

ये दीवारें भी अब तो नही रूठती है
छत जो गिरती थी, अब कहाँ टूटती है,
ये बिटिया के आने का ही, असर लगता है,
बेटी है तो घर, घर लगता है।

उसकी चुप्पी से हर कोई बिखर जाता है
जो मुस्कुरा दे तो हर चेहरा खिल जाता है,
हर सूरत की वो ही मुस्कान लगता है
बेटी है तो घर, घर लगता है।

मैं रोज़ जिसे पड़ता हूँ वही खत है वो,
मेरा सोना-चाँदी, मेरी दौलत है वो,
मेरी पूँजी, मेरी जागीर लगता है
बेटी है तो घर, घर लगता है।

कभी खांसी कभी जुखाम लग जाता है,
अस्वस्थ वो होती है, दुख मेरा बढ़ जाता है,
उसको ऐसे देख, मन फिर कहां लगता है
बेटी है तो घर, घर लगता है।

संग उसके ही तो खुशियों के मेले होते हैं
कहीं और जो जाऊँ तो बहुत झमेले होते हैं,
उसके बगैर सच, हर शहर वीरान लगता है
बेटी है तो घर, घर लगता है।

उसकी खुशबू से हर कोना महक जाता है,
धर्मेंद्र, अब सपने सारे उसी के सजाता है,
वो पास न हो तो हर लम्हा बेकार लगता है,
बेटी है तो घर, घर लगता है।

खूबसूरत ज़िन्दगी का सफर लगता है
बेटी है तो घर, घर लगता है।

Written by D.Kumar

Love you always my life ummmaaaa

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Featured post

मेरी बेटी

नमस्कार दोस्तों , आज मेरे जीवन में  ( 28  सितम्बर  2015)  एक फूल सी बच्ची का आगमन हुआ है जिसका नाम   मैंने   " शिवांगी"   रखा ह...