मेरी इन आँखों को किसी खुबसूरत नज़ारे की ज़रुरत ही नहीं-2
हमेशा रहे तूं मेरी नज़रों के सामने, बस इतना ही काफी है मेरे लिए
जमाने के प्यार की मुझको ज़रुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
सौ साल की ज़िंदगी नहीं चाहिए मुझको-2
तेरे संग गुजरा एक लम्हा भी, सौ साल जैसा है मेरे लिए,
ज़माने के प्यार की मुझको जरुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
मेरी शायरी, मेरी गज़लें, प्रसिद्ध ना भी हों तो चलेगा लेकिन-2
तुझ पर लिखी मेरी हर नज्म आसमान छूए, बस इतना ही काफी है मेरे लिए ,
ज़माने के प्यार की मुझको जरुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
मेरी दुआओं में असर ज़रा थोड़ा है, जल्दी होती नहीं कबूल-2
पर जब भी करु दुआ मैं तेरे लिए, असर हज़ार गुना हो बस इतना ही काफी है मेरे लिए
ज़माने के प्यार की मुझको जरुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
ज़िंदगी जो आगे निकल गई, तो किसी को कभी पुकारती नहीं है-2
पर जहाँ भी रहे तूं मुझे पापा कहके पुकारे, बस इतना ही काफी है मेरे लिए,
ज़माने के प्यार की मुझको जरुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
तेरी एक आवाज़ पर मैं दौड़ा-दौड़ा आऊंगा
ज़िंदगी न भी रही तो, दो पल उधार लेकर आऊंगा
इस जहां और उस जहां में बस तेरा साथ ही काफी है मेरे लिए
ज़माने के प्यार की मुझको ज़रुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
गम कितना भी हो तेरी एक मुस्कान ही काफी है मेरे लिए-2
ज़माने के प्यार की मुझको ज़रुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
जमाने के प्यार की मुझको ज़रुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
सौ साल की ज़िंदगी नहीं चाहिए मुझको-2
तेरे संग गुजरा एक लम्हा भी, सौ साल जैसा है मेरे लिए,
ज़माने के प्यार की मुझको जरुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
मेरी शायरी, मेरी गज़लें, प्रसिद्ध ना भी हों तो चलेगा लेकिन-2
तुझ पर लिखी मेरी हर नज्म आसमान छूए, बस इतना ही काफी है मेरे लिए ,
ज़माने के प्यार की मुझको जरुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
मेरी दुआओं में असर ज़रा थोड़ा है, जल्दी होती नहीं कबूल-2
पर जब भी करु दुआ मैं तेरे लिए, असर हज़ार गुना हो बस इतना ही काफी है मेरे लिए
ज़माने के प्यार की मुझको जरुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
ज़िंदगी जो आगे निकल गई, तो किसी को कभी पुकारती नहीं है-2
पर जहाँ भी रहे तूं मुझे पापा कहके पुकारे, बस इतना ही काफी है मेरे लिए,
ज़माने के प्यार की मुझको जरुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
तेरी एक आवाज़ पर मैं दौड़ा-दौड़ा आऊंगा
ज़िंदगी न भी रही तो, दो पल उधार लेकर आऊंगा
इस जहां और उस जहां में बस तेरा साथ ही काफी है मेरे लिए
ज़माने के प्यार की मुझको ज़रुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
गम कितना भी हो तेरी एक मुस्कान ही काफी है मेरे लिए-2
ज़माने के प्यार की मुझको ज़रुरत ही क्या बेटी, इक तेरा प्यार ही काफी है मेरे लिए।
Written by D.Kumar
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