(हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भारत को स्वच्छ बनाने में अपना पू्र्ण योगदान दे रहे हैं परंतु हम अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि भारत को स्वच्छ बनाने में श्री मोदी जी का साथ दें,) मेरी ये कविता उनके (श्री मोदी जी) प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए......
भारत को स्वच्छ बनाने को वह करता कितने प्रयत्न है देखो।
स्वच्छता के लिए वह अपना तन-मन अर्पण करता है,
देश का नागरिक जागरुक बने इसलिए खुद सफाई करता है।
कितना नि:स्वार्थ है उसका मन देखो।
भारत को स्वच्छ बनाने को वह करता कितने प्रयत्न है देखो।
वह क्या चाहता है हमसे ये हम जान न पाए,
लाख कोशिशों के बाद भी खुद को सुधार न पाए,
कूड़ा फेंका सड़कों पर करके आंखें बंद देखो,
भारत को स्वच्छ बनाने को वह करता कितने प्रयत्न है देखो।
खुले में शौच करने के उन्होंने भयंकर परिणाम गिनाएं हैं,
इसलिए जगह-जगह गांवों में शौचालय बनवाएं हैं
फिर भी लोटा लेकर चल दिए खेतों में और शौचालय में खोली दुकान है देखो,
भारत को स्वच्छ बनाने को वह करता कितने प्रयत्न है देखो।
आम नागरिक तक बात पहुंचे इसलिए स्वच्छता की मुहिम चला दी है,
स्वच्छता स्लोगन और नुक्कड़ नाटक से बात जन-जन तक पहुंचा दी है।
जो समझे तो भविष्य उज्जवल है और ना समझे तो अंधकार है देखो
भारत को स्वच्छ बनाने को वह करता कितने प्रयत्न है देखो।
भारत को स्वच्छ बनाने का श्री मोदी का ख्वाब अधूरा है,
हमारी भागीदारी अहम है इसमें, इसे करना हमको पूरा है,
आओ दें दें हम साथ उसका, जो कहता है, “स्वच्छता ही सेवा” है देखो,
भारत को स्वच्छ बनाने को वह करता कितने प्रयत्न है देखो।
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