रिश्तों में अपने
लिए थोड़ी जगह बनाना चाहता हूं
इसलिए दोस्तों
थोड़े से पैसे कमाना चाहता हूं
बच्चों की होती
तभी इज्ज़त, जब पिता धनवान हो,
घर भरा हो पैंसों
से और पैंसों की खान हो,
अपने परिवार का
सम्मान, हर जगह मैं पाना चाहता हूं,
इसलिए दोस्तों
थोड़े से पैसे कमाना चाहता हूं
पैसा पैसा करती
दुनिया, पैसे से ही चलता संसार,
पैसा है तो
रिश्ता तेरा मेरा, वर्ना तू कौन है मेरे यार,
इस छोटी सी
दुनिया में, अपनी पहचान बनाना चाहता हूं,
इसलिए दोस्तों
थोड़े से पैसे कमाना चाहता हूं।
क्या धनवान और
क्या भिखारी सब खेल है नसीब का
रिश्ता तो प्यारे
रिश्ता है चाहे अमीर का हो, या गरीब का
अपने सभी रिश्तों
को मैं दिल में बसाना चाहता हूं,
इसलिए दोस्तों
थोड़े से पैसे कमाना चाहता हूं।
इतना पैसा न देना
प्रभु, कि अभिमान से मैं भर जाऊं,
पैसे से यदि आए
घमंड तो ऐसा पैसा मैं बिल्कुल न चाहूं,
इस संसार में मैं,
सरल-सहज सा रहना चाहता हूं
इसलिए दोस्तों
थोड़े से पैसे कमाना चाहता हूं।
दो रिश्तेदार कही
जब मिल जाएं, मुस्कान लबों पे होती है।
एक की हंसी
बनावटी, तो दूसरे की असल होती है।
दिखावटी
मुस्कुराहट से क्या लेना मुझे, असल मैं पाना चाहता हूं,
इसलिए दोस्तों
थोड़े से पैसे कमाना चाहता हूं।
मेरी वजह से कोई
हो न दुःखी और किसी का दिल न दूखे,
घरों में बहे
सबके सागर सुखों का, और वो सागर कभी न सूखे
अपनों की खुशियों
का कारण एक बार मैं बनना चाहता हूं,
इसलिए दोस्तों
थोड़े से पैसे कमाना चाहता हूं।
रिश्तों में अपने
लिए थोड़ी जगह बनाना चाहता हूं,
इसलिए दोस्तों
थोड़े से पैसे कमाना चाहता हूं।
Written by D_Kumar
0 टिप्पणियाँ