मेरी बेटी मेरे लिए बोझ नही है।
उसके आते ही मेरी दुनिया जगमगाई थी,
दीवाली से पहले ही मैंने दीवाली मनाई थी,
खुशी है मेरे घर की वो, कोई शोक नही है,
मेरी बेटी मेरे लिए बोझ नही है।
आज वो मेरी उंगली थाम चलती है धीरे-धीरे
कल मैं उसकी उंगली थाम चलूंगा धीरे-धीरे
मेरा मजबूत सहारा है वो, कोई कमजोर नही है,
मेरी बेटी मेरे लिए बोझ नही है।
मैंने ग़मों के छ्टते हुए बादलों को देखा है,
उसके आने से अपनी किस्मत को बदलते देखा है,
गुण है मेरी कुंडली का वो, कोई दोष नहीं है,
मेरी बेटी मेरे लिए बोझ नही है।
जिसकी एक मुस्कान मेरे दिन भर की थकान ले जाती है,
वो मेरी धड़कन मेरी जान कहलाती है,
मेरी फूल सी बेटी है वो कोई और नही है,
मेरी बेटी मेरे लिए बोझ नही है।
बेटे के आने से जो पूरा मोहल्ला छान आये,
पूर्णतः दोषी हैं वो बिल्कुल भी निर्दोष नही है,
मेरी बेटी मेरे लिए बोझ नही है।
रब का शुक्र है कि छोटी सोच नही है,
मेरी बेटी मेरे लिए बोझ नही है।
Written
by D.Kumar
Love
you always my life ummmmaa
Written
by D.Kumar
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