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तेरे बिन जीना बेटी थोड़ा मुश्किल हो जाएगा

Tere_bin_जीना_थोडा_मुश्किल_ho_ jayega  
Written by d_kumar













तेरी बिदाई का वक्त जैसे-जैसे करीब आएगा,
तेरे बिन जीना बेटी, थोड़ा मुश्किल हो जाएगा,

उस वक्त मेरे इन हाथों में जैसे सारी दुनिया समाई थी,
लेकर अपने साथ हर खुशी, तूं गोद में मेरे आई थी,
तेरी बिदाई का वो पल मेरे, हाथों को खाली कर जाएगा,
तेरे बिन जीना बेटी, थोड़ा मुश्किल हो जाएगा।
तेरी बिदाई का वक्त जैसे-जैसे करीब आएगा,

धीरे धीरे तूं बड़ी हुई, दूध नम-नम (गरम-गरम) करने लगी,
पानी गिरा ज़मीन पर तू उसमें छम छम करने लगी,
तेरे बगैर फिर कौन भला, उस पानी को गिराएगा,
तेरे बिन जीना बेटी, थोड़ा मुश्किल हो जाएगा।
तेरी बिदाई का वक्त जैसे-जैसे करीब आएगा,

सुबह-सबुह जब निकलूं ऑफिस, बाय तूं करने आती है,
शीशा खुला हो हेलमेट का अगर, नन्हें हाथों से बंद कर जाती है।
तूं जो चली गई आँगन से, फिर कौन “टाटा पापा” कहने आएगा,
तेरे बिन जीना बेटी, थोड़ा मुश्किल हो जाएगा,
तेरी बिदाई का वक्त जैसे-जैसे करीब आएगा,

तेरी छोटी-छोटी शैतानियों के आड़े, मैं कभी न आऊंगा,
गर तूं चाहे तो संग तेरे, खुद भी शामिल हो जाऊंगा,
बाद तेरे शैतानियाँ ये, फिर कौन करने आएगा,
तेरे बिन जीना बेटी, थोड़ा मुश्किल हो जाएगा,
तेरी बिदाई का वक्त जैसे-जैसे करीब आएगा,

मेरे सपनों की उड़ान बस तुझसे है मेरी बेटी,
मेरी ख्वाहिशों का जहांन बस तुझसे है मेरी बेटी,
मेरे सपनों को तेरे बाद फिर कौन सजाने आएगा
तेरे बिन जीना बेटी, थोड़ा मुश्किल हो जाएगा
तेरी बिदाई का वक्त जैसे-जैसे करीब आएगा,

तुझ बिन मेरी ज़िंदगी क्या होगी मैं कैसे बताऊं तुझे,
कितना प्यार है इस दिल में तेरे लिए मैं कैसे दिखाऊं तुझे,
तेरे बाद मेरा ये प्यार किसी के काम न आएगा,
तेरे बिन जीना बेटी, थोड़ा मुश्किल हो जाएगा,

तेरी बिदाई का वक्त जैसे-जैसे करीब आएगा,
तेरे बिन जीना बेटी, थोड़ा मुश्किल हो जाएगा,


Written by D.Kumar धर्मेन्द्र कुमार 

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