मेरे ईश्क का कोई हिसाब नहीं
है,
तेरी सादगी का कोई जवाब नहीं
है।
क्या लिखूं तुझ पर कि शब्दों
की कमी है,
तू ही मेरा आसमां और तू ही
मेरी ज़मीं है।
मैं प्यासा हूं तू सावन है
मेरा प्यार पवित्र और पावन
है,
मेरा कोई भी पल अब न तन्हा
हो,
कि दिल चाहता है दीदार तेरा
हर लम्हा हो,
क्यों तड़पाती है मेरी बात
तो मान ले
यूं ही बैठी रह मेरी नज़रों
के सामने,
तुझे देखने की तलब मिट तो
जाने दे,
उठकर चली जाना जहां जाना है
पहले
इन नज़रों को थोड़ा थक तो
जाने दे ।
Written by D.Kumar
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