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जिक्र मेरा अपनी बातों में रखना



ऐ मेरी परियों सी बेटी, जिक्र मेरा अपनी बातों में रखना,
जब मैं न रहूं इस दुनिया में तब, मुझको अपनी यादों में रखना,

रुठुं कभी जो मैं तुझसे तू पास आकर मना लेना,
मैं गुमनाम सा रहा इस दुनिया में, तू अपना नाम कमा लेना,
नाम मेरा खुद हो जाएगा, बस अपने नाम से जोड़े रखना
जब मैं न रहूं इस दुनिया में तब मुझको अपनी यादों में रखना।

ज़िंदगी मेरी मौज करने की थी और
ख्वाहिश वक्त को कैद करने की थी, लेकिन हो न सका ऐसा,
ऐ मेरी चांद सी बेटी तू, समय को अपने हाथों में रखना।
जब मैं न रहूं इस दुनिया में तब मुझको अपनी यादों में रखना।

तेरी एक मुस्कान पर मैं अपना सब कुछ लुटा जाऊं
आखिरी ख्वाहिश मेरी बस इतनी, जब भी देखूं तुझे हंसता पाऊं,
मेरी फूल सी बच्ची तू अपनी मुस्कान सजाए रखना,
जब मैं न रहूं इस दुनिया में तब मुझको अपनी यादों में रखना।

ऐ मेरी परियों सी बेटी, जिक्र मेरा अपनी बातों में रखना,
जब मैं न रहूं इस दुनिया में तब, मुझको अपनी यादों में रखना,

Daughter's Love 
Written by D.Kumar






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