पापा-पापा कहते हुए तू, थकती नहीं है मुझको,
मेरी सांसे थम सी गईं थीं, जब चोट लगी थी तुझको,
दर्द का तेरे जब अहसास हुआ, बहुत डर सा लगा इस दिल को,
वो आंसुंओं से भीगा चेहरा तेरा, कैसे भूले मुझको,
मेरी सांसे थम सी गईं थीं जब चोट लगी थी तुझको,
सवाल किया सबने उस वक्त, मैं क्या जवाब दूं किसको,
भागा मैं अस्पताल की ओर, बस एक फिक्र तेरी मुझको,
मेरी सांसे थम सी गईं थीं जब चोट लगी थी तुझको,
चेकअप करते ही डॉक्टर ने, लिख दिया ऑपरेशन को,
पानी भी बच्ची को देना नहीं है, कह गया वो मुझको,
मेरी सांसे थम सी गईं थीं जब चोट लगी थी तुझको,
सबसे मांगे पानी मेरी बेटी (मम्मा, बुआ,दादी, दादु, चाचु)
लगे हैं सब बहलाने को,
बोली पापा आपी-आपी (अपने आप) मैं लाऊंगी पानी, चलो बाहर ले चलो मुझको,
मेरी सांसे थम सी गईं थीं जब चोट लगी थी तुझको,
सभी का ध्यान बिटिया पर था, अब कौन संभाले किसको,
बार-बार बोले बेटी मेरी, पापा प्लीज़ घर ले चलो मुझको,
मेरी सांसे थम सी गईं थीं जब चोट लगी थी तुझको,
आखिर वो वक्त आ ही गया जिसका इंतजार था हम सबको
अंकल हो या आंटी हो सबको बाय वो करने लगी,
घर जाने की खुशी उसके चेहरे पर दिखने लगी,
बेटी की खुशी देख हर कोई दुआएं देने लगी,
तेरी खुशी को लगे नज़र ना, बड़ा प्यार मिले बच्ची तुझको,
मेरी सांसे थम सी गईं थीं जब चोट लगी थी तुझको, जब चोट लगी थी तुझको
पापा-पापा कहते हुए तू, थकती नहीं है
मुझको मेरी सांसे थम सी गईं थीं, जब चोट लगी थी तुझको।
by d.kumar
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