इंतज़ार जिसका हमेशा
से मुझे, वो पहला सावन है तू
मेरे सीने में एक
दिल है बेटी और उसकी धड़कन है तू।
रिमझिम बारिश की
बूंदों में सूरत तेरी निहारुं मैं,
आ बैठ मेरे पास
ज़रा, नज़र तेरी उतारुं मैं,
हरपल जिसे मैं देखना
चाहूं, बस वही दर्पण है तू
मेरे सीने में एक
दिल है बेटी और उसकी धड़कन है तूं।
कभी आंखों से
पानी तो कभी आंसू छलकता है
आंखों में कभी
गुस्सा तो कभी प्यार झलकता है,
जिन नैनों में बस
खुशी चाहूं, हां वही नयन हैं तू
मेरे सीने में एक
दिल है बेटी और उसकी धड़कन है तू।
खिला खिला सा हर
फूल, बाग़ राजा लगने लगता है,
जिसके आने से
पानी भी ताज़ा ताज़ा लगने लगता है,
हां जल में वही
खिलता हुआ कमल है तू,
मेरे सीने में एक
दिल है बेटी और उसकी धड़कन है तू।
इन गलियों में
रोज़ किसी का, आना-जाना लगता है,
तेरी मुस्कुराहट
से शुरु हुआ, हर दिन सुहाना लगता है,
मेरे लबों पर जो खिले
हमेशा, हां वही मुस्कान है तू
मेरे सीने में एक
दिल है बेटी और उसकी धड़कन है तू।
दिन-रात बस तेरे
लिए ही चलना है, इससे ज्यादा कुछ और नहीं,
तेरे लिए ही ये
प्यार मेरा, इस प्यार का कोई छोर नहीं,
मेरा ईश्क अनंत
तुझसे, इस बात से अभी अंजान है तूं,
मेरे सीने में एक
दिल है बेटी और उसकी धड़कन है तूं।
आसमां का चाँद भी
आज आधा-आधा लगता है
मेरी सांसों की
डोरी का, तूं ही धागा लगता है,
मरकर भी कभी मर न
पाऊं, हां ऐसी मेरी जान है तू,
मेरे सीने में एक
दिल है बेटी और उसकी धड़कन है तू।
इंतज़ार जिसका हमेशा
से मुझे, वो पहला सावन है तू
मेरे सीने में एक
दिल है बेटी और उसकी धड़कन है तू।
Written by D_Kumar
Written by D_Kumar
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