#तेरी_दोस्ती_मैं_फिर_से_पाना_ चाहता_हूं
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by_d_kumar
तेरे साथ वही ज़िंदगी मैं दोबारा जीना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं,
वो वक्त ही कुछ और था, जब तूं साथ हुआ करता था,
थाम कर तेरा हाथ मैं सुबह से शाम चला करता था,
तेरे साथ अब भी, कदम से कदम मैं चलना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं।
मेरी खातिर, किसी से भी उलझ जाना आदत थी तेरी,
कोई समझे न समझे पर मैं जानता था, मेरे लिए ये मोहब्बत थी तेरी,
वही तेरा प्यार एक बार फिर देखना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं।
आज भी जब कभी, महफिलें खुशियों की सजती हैं।
ऐ मेरे यार, मेरी ये नज़रें बस तुझे ही ढूंढती हैं।
अपनी इन ऑंखों में तेरी सूरत देखना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं
अपनी इस ज़िंदगी से कोई शिकवा, कोई गिला नहीं मुझको,
दोस्त तो बहुत मिले पर, तुझ सा कोई मिला नहीं मुझको,
तेरी कमी जो करे पूरी, ऐसा दोस्त बनाना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं।
बीत गया सो बीत गया, वो पल दोबारा नहीं आता,
गलती ऐसी क्या हुई मुझसे, जो तूं ख्वाबों में भी नहीं आता,
तेरे चेहरे की झलक एक बार मैं पाना चाहता हूं
ऐ दोस्ती तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं।
साथ जब भी हम मिल जाएं गम फिर कहां टिकते थे,
दोनों के चेहरे मानों फूलों से भी ज्यादा खिलते थे,
वहीं हंसी एक बार मैं फिर हंसना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं।
जितनी बारिश की बूंदे, उतना प्यार है दोस्ती का,
महबूब की मोहब्बत से गहरा, रिश्ता है दोस्ती का,
तेरे प्यार की बारिश में फिर भीगना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं।
चार इक्के गर खुल जाएं, कोई दाव अपना फिर चल नहीं सकता,
मेरी ज़िंदगी की वो जीत है तूं, जिसे हार में कोई बदल नहीं सकता।
पत्तों के उन खेल में, बेगम―बादशाह फिर छुपाना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं।
मेरे दिल में ज़िंदा रहेगा तूं, आखिरी सांस तक मेरे यार,
भूलकर भी जिसे मैं भुला न पाऊं, तूं है मेरा वो पहला प्यार,
तेरी यादों का दिल में एक कोना बनाना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं।
सच्ची दोस्ती जब भी देखूं कहीं, दिल देता दुआएं बार-बार,
आंसू बहते आँखों से मेरी और ये दिल कहता, I MISS YOU मेरे यार
अगले जन्म मिले दोस्ती तेरी बस यही दुआ मैं करना चाहता हूं,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूं।
तेरे साथ वही ज़िन्दगी मैं दोबारा जीना चाहता हूँ,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती मैं फिर से पाना चाहता हूँ।
#written_by_D_Kumar
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