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मेरी शायरी मेरे दिल से


 ये ज़िंदगी मलाल सी है।
तेरे चेहरे की सादगी कमाल सी है।
छू लूं जो तुझे तो होश खो सा जाता है,
तेरे बदन की खुशबू गुलाब सी है। 


दूसरों की तो बात ही छोड़ोलोग अपनों को रुला देते हैं।
साथ रहने का वादा करपल भर में भूला देते हैं।
कड़वाहट आ जाती है उम्र भर के लिए रिश्तों में,
अपनों की वफादारी का लोग कुछ ऐसा सिला देते हैं।


तन्हाई में सिर्फ तुझे ही याद करता हूं,
दोस्तों से बस तेरी ही बात करता हूं,
तूं मेरी रुह में समाई है इस कदर
उस खुदा से बस तेरी ही मांग करता हूं।


खुदा से किसी चीज़ की इबादत नहीं रही,
तुझे पाकर कुछ और पाने की चाहत नहीं रही,
जब से तूं मुझे छोड़ गई ओ-बेवफा,
किसी और को देखकर मुस्कुराने की आदत नहीं रही।


तू मेरी हर बात से किनारा करता था,
और मैं इसमें भी गुज़ारा करता था,
कल देखा था तुझे उसी जगह गुमसुम सा मैंने
जहां खड़े होकर मैं तुझे घंटों निहारा करता था।


इंतज़ार की कभी हद भी आती है,
एक तेरी याद है जो आकर ना जाती है,
अब तो आजा की कहीं दिल नहीं लगता मेरा,
अब तो आंसू भी कहते हैं कि तेरी याद आती है।



तेरा मुझसे न मिलने का बहाना मुझे अब भी याद है,
छुप-छुपकर तुझे देखना मुझे अब भी याद है,
तेरी एक झलक पाने को तपती धूप में खड़ा रहा हूं मैं,
कैसे जलते थे पैर मेरे मुझे अब भी याद है।


मेरी नज़रों ने तुझे देखा जब से
तब से तेरा दिवाना ये दिल हुआ है,
मेरे काबू में नहीं रहता दिल अब
अपनी बात समझाना इसे थोड़ा मुश्किल हुआ है।


जब-जब तुम भुलना चाहोगे मैं और याद आऊंगा,
प्यार के वो हंसी पल मैं भी भुला न पाऊंगा।
एक-दूसरे की यादों में बीतेगी जिंदगी अपनी,
तेरी वो खुबसूरत याद मैं दिल से मिटा न पाऊंगा।









                    

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