मैं_तेरा_पापा_कहलाऊं_
अपने खुदा से बस एक दुआ मैं करना चाहूं
हर जन्म में बने तू बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
घर की लक्ष्मी होती है बेटी, आज ये माना मैंने
पापा बनने की खुशी क्या है, तुझे पाकर ये जाना मैंने
अब सारी उम्र मैं बस, तुझ पर ही अपना प्यार लुटाऊं,
हर जन्म में बने तूं बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
मेरी सांसों की ये डोर बस तुझसे बंधी है
तुझे क्या मालूम तू मेरे होंठों की हंसी है,
तुझसे दूर जो रहूं कभी, मैं सांसे ये न ले पाऊं,
हर जन्म में बने तुं बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
हो जीवन में रोशनी ऐसी, घना अँधेरा भी छू न पाए तुझे
चार चाँद लगे उम्र में तेरी और मेरी भी उम्र लग जाए तुझे
तेरे चेहरे की चमक कभी कम न हो, इस चाँद से मैं ये कह जाऊं,
हर जन्म बने तू बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
राहों में चलते-चलते अकसर मैं अपनी राह बदलना चाहूं
दुःख की बदरी न आए तुझ पर, ऐसा कर्म मैं करना चाहूं
मेरी मेहनत हो ऐसी कि, सारा जहां तुझ पर लुटा जाऊं
हर जन्म में बने तूं बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
ज़िंदगी की रेस में बिटिया, पीछे कभी न मुड़ना तूं
अपने हौसलों के पंखों से जहां चाहे वहां उड़ना तूं
तेरे इस सफर में मैं, हर पल तेरा साथ निभाऊं,
हर जन्म में बनें तूं बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
कहीं आने वाले कल में, इनका मोल न रह जाए
तुझ पर लिखे ये शब्द मेरे कहीं सिर्फ बोल न रह जाएं
भविष्य तेरा सुनहरा हो, बस इतनी कोशिश कर जाऊं
हर जन्म में बने तूं बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
कहते हैं गांव की मिट्टी में खुशबू ही खुशबू होती है,
सलामत रहे वो मिट्टी हमेशा जहां बेटी पैदा होती है,
ऊपर वाला भी कहता है, इन बेटियों से ही मैं संसार चलाऊं,
हर जन्म में बने तू बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
गर तू रहे खामोश भी, तेरा ईशारा समझ सकता हूं मैं,
एक बस तेरे लिए, हर दर्द से गुज़र सकता हूं मैं,
तेरे खातिर सब सह लूंगा और तेरे लिए ही मर जाऊं,
हर जन्म बने तूं बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
अपने खुदा से बस एक दुआ मैं करना चाहूं
हर जन्म में बने तू बेटी मेरी और मैं तेरा पापा कहलाऊं।
Written by D.Kumar
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