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राखी स्पेशल

जब भी राखी का त्योहार रहे




लड़ना झगड़ना बहन से पूरे साल रहता है,
घर का कुछ ऐसा ही हाल रहता है,
न जाने कौनसी चक्की का आंटा खाती है,
छोटी है मुझसे पर तू कहकर बुलाती है,
मैं कहता हूँ कान के नीचे लगा दूंगा तुझे,
वो कहती है लगाकर देख बताती हूँ तुझे।
रोज सवेरे तो जग न पाती है,
राखी के दिन मुझसे पहले उठ जाती है,
रोली-चावल, मिठाई की थाली लगाकर,
सबसे पहले मुझको ही टीका लगाती है,
फिर करती है दुआएँ मेरी लंबी उम्र की
बांधकर राखी मेरी कलाई सजाती है।
बस कुछ सालों तक ये और चलेगा,
फिर एक सुबह तेरा चेहरा भी न दिखेगा,
बनकर दुल्हन तू पराये घर चली जायेगी,
सच, अपने इस भाई को तू बहुत याद आएगी।
फिर भईया भईया कौन बुलायेगा मुझे
तेरा लड़ना झगड़ना हंसाएगा, तो कभी रुलाएगा मुझे,
नज़रें ढूंढ़ेंगी हमेशा तुझे पर तेरा चेहरा नज़र न आएगा मुझे।
दुआ है मेरी जहाँ भी रहना खुश रहना तू,
और साथ ही ये वादा भी करना तू कि...
चाहे इस पार रहे या उस पार रहे
तेरा मेरा सदा ही प्यार रहे,
छोटी सी ख्वाहिश है तेरे इस भाई की,
तू उस दिन मेरे पास रहे,
जब भी राखी का त्योहार रहे,
जब भी राखी का त्योहार रहे।।
 
 

#Written_by_D_Kumar
‌Love you so much meri Behan..

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