मेरे हर सुख दुख का साथी है वो,
मैं उदास रहूँ तो चेहरा उसका भी मुरझा जाता है,
कुछ इस तरह से वो अपना प्यार निभा जाता है,
मैं खुश रहूँ इसलिए अपना आज और कल दे देता है,
मेरी तकलीफों में अपना हर पल दे देता है।
खुश हूं मैं उसे पाकर, अपने दिल में उसे बसाकर,
शांत है थोड़ा मौन है वो, मैं बताता हूं तुम्हे कौन है वो,
मेरा आसमाँ है मेरी जमीं है वो,
मेरी आँखों की नमी है वो,
खुशियों में मेरे लबों पर बिखरने वाली मुस्कान है,
सच कहूँ तो वो ही मेरी जान है,
वो न हो तो सब अधूरा सा लगता है,
वो है तो ये जहां पूरा सा लगता है,
वो मेरे साथ इस कदर रहती है,
जैसे हवाओं में हरदम खुशबू रहती है,
प्यार बहुत है उससे पर कैसे उसको समझाऊं
उसका होना मेरे लिए क्या है मैं कैसे उसको बतलाऊँ, बस इतना समझ ले वो कि,
मेरे प्यार की गहराई है वो
मेरी ज़िंदगी है, मेरी परछाईं है वो,
मैं कितना भी उससे दूर रहूँ पर
मेरी याद है मेरी तन्हाई है वो,
शांत हो तो शीतल जल है वो,
क्रोध में जैसे अग्नि है वो,
वो कोई और नहीं दोस्तों
मेरी अर्धांगिनी है मेरी पत्नी है वो।
मेरी अर्धांगिनी है मेरी पत्नी है वो।
#Written_by_D_Kumar
मैं उदास रहूँ तो चेहरा उसका भी मुरझा जाता है,
कुछ इस तरह से वो अपना प्यार निभा जाता है,
मैं खुश रहूँ इसलिए अपना आज और कल दे देता है,
मेरी तकलीफों में अपना हर पल दे देता है।
खुश हूं मैं उसे पाकर, अपने दिल में उसे बसाकर,
शांत है थोड़ा मौन है वो, मैं बताता हूं तुम्हे कौन है वो,
मेरा आसमाँ है मेरी जमीं है वो,
मेरी आँखों की नमी है वो,
खुशियों में मेरे लबों पर बिखरने वाली मुस्कान है,
सच कहूँ तो वो ही मेरी जान है,
वो न हो तो सब अधूरा सा लगता है,
वो है तो ये जहां पूरा सा लगता है,
वो मेरे साथ इस कदर रहती है,
जैसे हवाओं में हरदम खुशबू रहती है,
प्यार बहुत है उससे पर कैसे उसको समझाऊं
उसका होना मेरे लिए क्या है मैं कैसे उसको बतलाऊँ, बस इतना समझ ले वो कि,
मेरे प्यार की गहराई है वो
मेरी ज़िंदगी है, मेरी परछाईं है वो,
मैं कितना भी उससे दूर रहूँ पर
मेरी याद है मेरी तन्हाई है वो,
शांत हो तो शीतल जल है वो,
क्रोध में जैसे अग्नि है वो,
वो कोई और नहीं दोस्तों
मेरी अर्धांगिनी है मेरी पत्नी है वो।
मेरी अर्धांगिनी है मेरी पत्नी है वो।
#Written_by_D_Kumar
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